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Tulsi ki guru lugayi ji shital bhayo sharir,तुलसी जी की गुरु लुगाई जी शीतल भयो शरीर

तुलसी जी की गुरु लुगाई जी शीतल भयो शरीर

तुलसी जी की गुरु लुगाई जी निर्मल भयो शरीर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी शीतल भयो शरीर।शीतल भयो शरीर जिगर में लाग्यो ज्ञान को तिर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी निर्मल भयो शरीर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी शीतल भयो शरीर।

तिरिया हाथ जोड़कर कहवे,पति से आज्ञा लेवे।म्हारी माता से मिल आती जी जायाती म्हारे पीर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी शीतल भयो शरीर।।शीतल भयो शरीर जिगर में लाग्यो ज्ञान को तिर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी निर्मल भयो शरीर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी शीतल भयो शरीर।

एजी थे थाके पीहर जाओ पर काल सुबह ही आओ। पति से आज्ञा लीनि जी बा घर से भई तजिर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी शीतल भयो शरीर।।शीतल भयो शरीर जिगर में लाग्यो ज्ञान को तिर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी निर्मल भयो शरीर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी शीतल भयो शरीर।

तुलसी छाने छाने रोव,वो रात दिवस नही सौवे। बीस कद सी जार मिलुंला म्हारो कद आवेलो जीव।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी शीतल भयो शरीर।।शीतल भयो शरीर जिगर में लाग्यो ज्ञान को तिर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी निर्मल भयो शरीर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी शीतल भयो शरीर।

तुलसी जी गाय चरावे। रोजिना सुन मनावे। रोजिना सुन मनातो जी जंगल में खींच लकीर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी शीतल भयो शरीर।।शीतल भयो शरीर जिगर में लाग्यो ज्ञान को तिर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी निर्मल भयो शरीर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी शीतल भयो शरीर।

तुलसी ने याद जब आवे। बो आधी रात ने जावे। बो घर से तुलसी निकल्यो जी पर आड़े फिर गयो नीर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी शीतल भयो शरीर।।शीतल भयो शरीर जिगर में लाग्यो ज्ञान को तिर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी निर्मल भयो शरीर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी शीतल भयो शरीर।

अरे कोई रैन अंधेरी छाई,मुर्दा की नाव एक आई।बिन पकड़ पकड़ के चढ्ग्यो जा उतरयो पहली तीर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी शीतल भयो शरीर।।शीतल भयो शरीर जिगर में लाग्यो ज्ञान को तिर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी निर्मल भयो शरीर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी शीतल भयो शरीर।

तुलसी चारूं मेर ने डोले पर जुड्डया किवाड़ कुन खोले। बो देवी देव मनायो जी मनाया पांचों पिर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी शीतल भयो शरीर।।शीतल भयो शरीर जिगर में लाग्यो ज्ञान को तिर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी निर्मल भयो शरीर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी शीतल भयो शरीर।

तुलसी को मन जद भटके।नाला में कालो लटके।पकड़ पकड़ के चढ्ग्यो जद आयो मन में धीर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी शीतल भयो शरीर।।शीतल भयो शरीर जिगर में लाग्यो ज्ञान को तिर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी निर्मल भयो शरीर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी शीतल भयो शरीर।

सूती ने जार जगाई, बा नागण सी गरनाई। काको गणेश राम यो गाई तुलसी जी बणया फकीर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी शीतल भयो शरीर।।शीतल भयो शरीर जिगर में लाग्यो ज्ञान को तिर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी निर्मल भयो शरीर।तुलसी जी की गुरु लुगाई जी शीतल भयो शरीर।

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