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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Din dash pihariye me aay Piya ne kaiya bhul gayi,भूल गई मेरी सुरता भूल गई

भूल गई मेरी सुरता भूल गई।

भूल गई मेरी सुरता भूल गई। हो सुरता दिन दश पिहारिए में आए पिया ने कइयां भूल गई।मेरी सुरता सुहागण नार,
पिये ने किया भूल गई।।



सदा संग रहती पीवरिये मे,
पीवरीये रो लोग,
पूर्व ली पुण्याई सेती,
आय मिलो संजोग,
पिये ने किया भुल गई,
अरे मेरी सुरता सुहागन नार,
पिये ने किया भूल गई।।

पीवरियो मतलब रो घर जी,
स्वार्थ को संसार,
अरे ना कोई तेरा ना तू किसकी,
झूठा करती प्यार,
पिये ने किया भुल गई,
अरे मेरी सुरता सुहागन नार,
पिये ने किया भूल गई।।



गुरु गम गेणो पहर सुहागण,
सज सोलह सिंगार,
नाय धोय के चलो रे ठाठ से,
कद मिल सी भरतार,
पिये ने किया भुल गई,
अरे मेरी सुरता सुहागन नार,
पिये ने किया भूल गई।।



होय आधीण मिलो प्रीतम से,
धरो रे चरण में शीश,
बारूबालम समरथ तेरो,
गुना करलो बख्शीश,
पिये ने किया भुल गई,
अरे मेरी सुरता सुहागन नार,
पिये ने किया भूल गई।।



मेरी सुरता सुहागन नार,
पिये ने किया भूल गई।।

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