तर्जः रणक भंवर स्यूं आईया बाबा दूंदाला
सोना रो सुरज उग्यो जी म्हारै आंगणे। म्हारे हिवडे हरख अपार, म्हारे घरे जच्चा जायो गिगलो – २
हरख बधाई हो रही जी म्हारै आंगणे । कोई बाज्यो सोहन याल, म्हारे घरे, हो रया हरख बधावणा,सोना रो सुरज उग्यो जी म्हारै आंगणे। म्हारे हिवडे हरख अपार, म्हारे घरे जच्चा जायो गिगलो – २
बंदनवार सजाऊं म्हारे वरणे – २
काई आंगन चोक पुराय, म्हारे घरे हो रया हरख बधावणा, सोना रो सुरज उग्यो जी म्हारै आंगणे। म्हारे हिवडे हरख अपार, म्हारे घरे जच्चा जायो गिगलो – २
दादीजी तो आया म्हारै आंगणे – २
ब तो आकर थाल बजाय, म्हारे घरे हो रया हरख बधावणा,सोना रो सुरज उग्यो जी म्हारै आंगणे। म्हारे हिवडे हरख अपार, म्हारे घरे जच्चा जायो गिगलो – २
भूवा बाई, आया म्हारै आंगणे -२ ब तो साखिया पूराई लेवे नेग, म्हारे घरे हो रया हरख बधावणा।सोना रो सुरज उग्यो जी म्हारै आंगणे। म्हारे हिवडे हरख अपार, म्हारे घरे जच्चा जायो गिगलो – २
दादाजी रो लाडलो जी म्हारै आंगणै -२
नानाजी रो लाड दोहितो, – म्हारे घरे हो रया हरख बधावणा, सोना रो सुरज उग्यो जी म्हारै आंगणे। म्हारे हिवडे हरख अपार, म्हारे घरे जच्चा जायो गिगलो – २
अधज्यो बधज्यो, फुलज्यो जी मुन्ना लाडला – २ म्हारो ओ ही आशीर्वाद, म्हारे घरे हो रया हरख बधावणा।सोना रो सुरज उग्यो जी म्हारै आंगणे। म्हारे हिवडे हरख अपार, म्हारे घरे जच्चा जायो गिगलो – २