तर्ज, कठे सु आई सूट
म्हारे आंगन खुशियां छाई, म्हारे जन्म्यो आज कन्हाई।म्हारो आंगन जगमग हो रयो में आज बांटू बधाई।
म्हारे आंगन खुशियां खाई, म्हारे जनम्यो आज कन्हाई -२ म्हारो आंगन जगमग हो रयो, में बाँटू आज बधाई।
दादाजी न जीसो प्यारो, दादी से राज दुलारो। २ म्हारो कुल उजियारो लाडलो, लागे सगला न प्यारो।म्हारे आंगणा खुशियां छाई, म्हारे जनम्यो आज कन्हाई -२ म्हारो आंगन जगमग हो रयो, में बाँटू आज बधाई।
दादाजी न कोड घणेरो, दादीजी न हरख घणेरो। ये तो हरकया, हरक्या डोलरया, दादीजी न पोतो प्यारो ।म्हारे आंगणा खुशियां छाई,म्हारे जनम्यो आज कन्हाई -२ म्हारो आंगन जगमग हो रयो, में बाँटू आज बधाई।
भूवा बाई मंगल गावै, मासी सब लाड लडाये- २ गीगा री नजर उतारे अ तो लुणराई उंदारे ।
मं तो हंस हंस मंगल गांऊ, म्हारे घर में हुयो उजियारों- म्हारे आंगणा खुशियां छाई,म्हारे जनम्यो आज कन्हाई -२ म्हारो आंगन जगमग हो रयो, में बाँटू आज बधाई।