तर्ज,धरती धोरा री
ओ तो सगला रे मन भावे,जनता बड़े चाव से खावे।मुंह में धरियों सीधो जावे सिरो दाल रो, हो सिरो दाल रो ।
गरमा गरम पकौड़ी सागे, घी और डबल माओ लागे।नशा नशेबाज रा जागे,सिरो दाल रो।ओ तो सगला रे मन भावे,जनता बड़े चाव से खावे।मुंह में धरियों सीधो जावे सिरो दाल रो, हो सिरो दाल रो ।
बूढो होवे चाहे बच्चो, दुबलो हो या हटो कटो।खावे बीकानेरी पठ्ठो सिरों दाल रो।ओ तो सगला रे मन भावे,जनता बड़े चाव से खावे।मुंह में धरियों सीधो जावे सिरो दाल रो, हो सिरो दाल रो ।
कंडो खावे खोपड़ी चिल्के,गोखो खायो मुंडो हिल्के।गोपाल कहे खाओ मिल के, सिरों दाल रो।ओ तो सगला रे मन भावे,जनता बड़े चाव से खावे।मुंह में धरियों सीधो जावे सिरो दाल रो, हो सिरो दाल रो ।
ओ तो सगला रे मन भावे,जनता बड़े चाव से खावे।मुंह में धरियों सीधो जावे सिरो दाल रो, हो सिरो दाल रो ।