प्रेम रस बरस्यो री,
आज मोरे अंगना में,
आज मोरे अँगना में,
आज मोरे अँगना में,
प्रेम रस बरस्यो री,
आज मोरे अंगना में।
जाग गए सब सोये सपने,
सभी पराये हो गए अपने,
लगे प्रेम की माला जपने,
के अंग अंग हरष्यो री,
आज मोरे अँगना में,
प्रेम रस बरस्यो री,
आज मोरे अंगना में।
युग युग से नैना तरसाये,
युग युग से नैना तरसाये,
आज सखी पिया घर मोरे आये,
आज सखी पिया घर मोरे आये,
कहाँ बिठाऊँ,
कुछ समझ ना आये,
के प्रीतम दरस्यो री,
आज मोरे अँगना में,
प्रेम रस बरस्यो री,
आज मोरे अंगना में।
धरती नाँचे, अंबर नांचा,
आज मेरा मन भी नाँचा,
मैं नाँची जग सारा नांचा,
के मोहन दरस्यो री,
आज मोरे अँगना में,
प्रेम रस बरस्यो री,
आज मोरे अंगना में।
ठुमक ठुमक मोरी,
पायल बाजै,
अगल बगल मेरे,
श्याम बिराजे,
प्रेमी को तो प्रीत ही साँचे,
अगल बगल मेरे,
श्याम बिराजे,
बहुत दिन तरस्यो री,
आज मोरे अँगना में,
प्रेम रस बरस्यो री,
आज मोरे अंगना में।
रुक गई रात,
ठहर गया चंदा,
साधो मंगल मौज आनंदा,
तू निर्दोष अरे क्यों मन का,
साधो मंगल मौज आनंदा,
के सतगुरु दरस्यो री,
आज मोरे अँगना में,
प्रेम रस बरस्यो री,
आज मोरे अंगना में।