तर्ज,इतनी खातरी करवाए
कईयां घुंघटियो उठाऊं महाने पाप लागे। यो श्याम धनी भाइ मेर धनि रो बाप लागे।
बनी जद दुल्हनिया नई रे नवेली। जद यो दिखायो मने श्याम की हवेली। सबसे पहलयां खाटू गठजोड़ा की जात लागे।यो श्याम धनी काइ मेरठनि रो बाप लागे।
कईयां घुंघटियो उठाऊं महाने पाप लागे। यो श्याम धनी भाइ मेर धनि रो बाप लागे।
जद यो बाबा ने भजन सुनावे। नाचन कि मेरे मन में आवे। घूंघटा और लंबा काढू चोखो नाच लागे।यो श्याम धनी काइ मेरठनि रो बाप लागे।
कईयां घुंघटियो उठाऊं महाने पाप लागे। यो श्याम धनी भाइ मेर धनि रो बाप लागे।
किके आगे रोऊं बनवारी यो दुखडो। कोनया देख पाई मैं तो श्याम को मुखडो। साची बात मेरी सब ने मजाक लगे। यो श्याम धनी काइ मेरठनि रो बाप लागे।
कईयां घुंघटियो उठाऊं महाने पाप लागे। यो श्याम धनी भाइ मेर धनि रो बाप लागे।
कईयां घुंघटियो उठाऊं महाने पाप लागे। यो श्याम धनी भाइ मेर धनि रो बाप लागे।