तर्ज,हम तुम चोरी से
फागुन आया रे मस्तीयां लाया रे। नाचो दीवानो झूम के। अरे यह मेला है श्याम का।
खाटू में बाबा की भक्तों की भीड़ समाई। श्याम ध्वजा ले नाचे हाथों में लोग लुगाई। डंका आज बज रहा,बज रहा चहुं और श्याम का।फागुन आया रे मस्तीयां लाया रे। नाचो दीवानो झूम के। अरे यह मेला है श्याम का।
मंदिर में सज धज के बैठा है लख दातारी। रंग अबीर उड़ाओ और मारो भर पिचकारी। रंग दो ना प्रेम से, प्रेम से दरबार श्याम का।।फागुन आया रे मस्तीयां लाया रे। नाचो दीवानो झूम के। अरे यह मेला है श्याम का।
खूब धमाल मचाएगी अजी खाटू नगरी जाओ। बाबा की चौखट पर जाकर घूमर घालो। बोलो ना जोर, से जोर से जयकारा श्याम का।।फागुन आया रे मस्तीयां लाया रे। नाचो दीवानो झूम के। अरे यह मेला है श्याम का।
1 बरस में भक्तों फागुन का मेला आया। हर्ष कहे बाबा ने खाटू में हमें बुलाया। पाओगे जान लो जान लो, तुम प्यार श्याम का। फागुन आया रे मस्तीयां लाया रे। नाचो दीवानो झूम के। अरे यह मेला है श्याम का।