कान्हा ऐसी मारी पिचकारी सारी की सारी भीज गई। भीज गई रे कान्हा भीज गई।कान्हा ऐसी मारी पिचकारी सारी की सारी भीज गई।
मैं तो बन ठन गांव की छोरी, आई थी देखन लठ होरी। आकर बरसाने भूली शुद्ध सारी,सारी की सारी भीज गई।कान्हा ऐसी मारी पिचकारी सारी की सारी भीज गई।
रंग गुलाल बदरिया छाई, गालों पर लग धूम मचाई।राधा कान्हा की गति जो संवारी,सारी की सारी भीज गई।कान्हा ऐसी मारी पिचकारी सारी की सारी भीज गई।
भागकर कान्हा इधर जो आया। मोपर ऐसा रंग बरसाया। मेरी शक्ल बिगड़ गई सारी, सारी की सारी भीज गई।कान्हा ऐसी मारी पिचकारी सारी की सारी भीज गई।
अरे कसम करेगा मेरी खूब पिटाई। लाज मधुप तेरे हाथ कन्हाई। मेरी रक्षा करो गिरधारी, सारी की सारी भीज गई।कान्हा ऐसी मारी पिचकारी सारी की सारी भीज गई।
कान्हा ऐसी मारी पिचकारी सारी की सारी भीज गई। भीज गई रे कान्हा भीज गई।कान्हा ऐसी मारी पिचकारी सारी की सारी भीज गई।