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Balam ke bharose devar ko pakdo hath,बालम के भरोसे देवर को पकड़यो हाथ,holi geet

बालम के भरोसे देवर को पकड़यो हाथ

तर्ज, सावन का महीना पवन

बालम के भरोसे, देवर को पकड़यो हाथ। डाको पड़यो सहेलयों, जोबन पर आधी रात।

चंग को धमीडो बाजयो, रात अंधेरी पंछी की तान सुन, उठ गई बैरी। सागे सोई मैं तो, अरे धरी रे हाथ पहाथ।डाको पड़यो सहेलयों ,जोबन पर आधी रात।

बालम के भरोसे, देवर को पकड़यो हाथ। डाको पड़यो सहेलयों, जोबन पर आधी रात।

खूब सतावे, निगोड़ी जवानी। लाज शर्म छोड़, करूं मनमानी। अरे घड़ी घड़ी में चाहे, बलम जी को साथ। डाको पड़यो सहेलयों, जोबन पर आधी रात।

बालम के भरोसे, देवर को पकड़यो हाथ। डाको पड़यो सहेलयों, जोबन पर आधी रात।

ठीक माही बोलो देवर, काई चाहे भाभी।म्हारे कानी कोणी थारे, ओबारे की चाबी। राम बचाई माने, हो जाती कद बदनाम।डाको पड़यो सहेलयों, जोबन पर आधी रात।

बालम के भरोसे, देवर को पकड़यो हाथ। डाको पड़यो सहेलयों, जोबन पर आधी रात।

बालम के भरोसे, देवर को पकड़यो हाथ। डाको पड़यो सहेलयों, जोबन पर आधी रात।

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