तर्ज,इतनी खातरी करवावे
आयो फागन मास रंगीलो क्यों तू देर लगावे है। क्यों तू देर लगावे है। मंदिर बाहर आजा सांवरे काहे घबरावे है।
दूर-दूर से सेवक आया, भांति भांति का रंग है लाया। मारे हाथ से लगवा ले तने जो रंग भावे है। तने जो रंग भावे है।मंदिर बाहर आजा सांवरे काहे घबरावे है।
आयो फागन मास रंगीलो क्यों तू देर लगावे है। क्यों तू देर लगावे है। मंदिर बाहर आजा सांवरे काहे घबरावे है।
देख ले प्रेमी जिद पर अड़ा है। चौखट पर तैयार खड़ा है। आजा छोड़ सिंहासन को काहे नखरे दिखावे है। काहे नखरे दिखावे है।मंदिर बाहर आजा सांवरे काहे घबरावे है।
आयो फागन मास रंगीलो क्यों तू देर लगावे है। क्यों तू देर लगावे है। मंदिर बाहर आजा सांवरे काहे घबरावे है।
सोच ले फागुन फिर नहीं आसी। सुन ले अब तो बात जरा सी। सांवरा सुनले अर्जी म्हारी तेरो काई जावे है।तेरो काई जावे है।मंदिर बाहर आजा सांवरे काहे घबरावे है।
आयो फागन मास रंगीलो क्यों तू देर लगावे है। क्यों तू देर लगावे है। मंदिर बाहर आजा सांवरे काहे घबरावे है।