जो जग से निराले एक ऐसे नाम की। भक्तों तुमको सुनाऊं लीलाए श्याम की।
मंदिर से बाबा मेले में भेष बदलकर घूमे। मस्तक पर सूरज चमके अंबर भी चरण को चूमे। चंदा भी उतारे नजर श्याम की।भक्तों तुमको सुनाऊं लीलाए श्याम की।
जो जग से निराले एक ऐसे नाम की। भक्तों तुमको सुनाऊं लीलाए श्याम की।
धरती यह चरणों को पखारे पवन इत्र छिड़काए। गगन मगन में नाच उठे कोयल भी मंगल गाय। मिलने बेटे से आए श्री राम जानकी। भक्तों तुमको सुनाऊं लीलाए श्याम की।
जो जग से निराले एक ऐसे नाम की। भक्तों तुमको सुनाऊं लीलाए श्याम की।
नगर भवन होवे कीर्तन भक्तों संग श्याम भी झूमे। छप्पन भोग सजा दे भक्ता साथ में बाबा जीमें।और संग रंग जमा दे बजरंग हनुमान जी। और संग रंग जमा दे सालासर लाल जी।भक्तों तुमको सुनाऊं लीलाए श्याम की।
जो जग से निराले एक ऐसे नाम की। भक्तों तुमको सुनाऊं लीलाए श्याम की।
बाबा से मिलने भगता जी नंगे पांव ही चाले। भले फटे जैसे भी कटे पड़े पांव में छाले।यूं न महिमा निराली इस पावन धाम की।भक्तों तुमको सुनाऊं लीलाए श्याम की।
जो जग से निराले एक ऐसे नाम की। भक्तों तुमको सुनाऊं लीलाए श्याम की।