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Holi geet

Patjhad me hi phool khile to bahara ne kun puchego,पतझड़ में ही फूल खिले तो बहारा ने कून पूछेगो,holi geet

पतझड़ में ही फूल खिले तो बहारा ने कून पूछेगो।

पतझड़ में ही फूल खिले तो बहारा ने कून पूछेगो। घड़ चढ़िया ही घोड़ी चढ़े तो असवारा ने कून पूछेगो।पतझड़ में ही फूल खिले तो बहारा ने कून पूछेगो।पतझड़ में ही फूल खिले तो बहारा ने कून पूछेगो।

ओ गोरी घनों मुकलावो ल्यावे।ससरिए में रोब जमावे।जो पीहर से पेट भरे तो भरतारा ने कून पूछेगो।पतझड़ में ही फूल खिले तो बहारा ने कून पूछेगो।पतझड़ में ही फूल खिले तो बहारा ने कून पूछेगो।

अरे सोने की वा थाली पुरस्योडी। पुरसन वाली है रुस्योडी।जो कोई खायां ही पेट भरे तो मनुहारा ने कून पूछेगो।पतझड़ में ही फूल खिले तो बहारा ने कून पूछेगो।पतझड़ में ही फूल खिले तो बहारा ने कून पूछेगो।

हो माथे पे बिंदिया लग्योडी।पूनम भी है साड़ी में लाग्योडी। जे कोई परण्यो परदेशा बसे तो सिंगारा ने कून पूछेगो।पतझड़ में ही फूल खिले तो बहारा ने कून पूछेगो।पतझड़ में ही फूल खिले तो बहारा ने कून पूछेगो।

घर में बहुआं तो सगला ही ल्यावे।घर की बहुआ ने कुन ले जावे।जो कोई छोरियां पीहर में डटे तो कुंवारा ने कून पूछेगो।पतझड़ में ही फूल खिले तो बहारा ने कून पूछेगो।पतझड़ में ही फूल खिले तो बहारा ने कून पूछेगो।

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