म्हारी झोपड़ी बना दे भगवान किनारों काशी रो।
काशी रे किनारे मारी गंगा जमुना। स्नान करूं सुबह शाम,किनारों काशी रो।म्हारी झोपड़ी बना दे भगवान किनारों काशी रो।
काशी रे किनारे म्हारो तुलसी रो क्यारो।में तो दीपक करूं सुबह शाम,किनारों काशी रो।म्हारी झोपड़ी बना दे भगवान किनारों काशी रो।
काशी रे किनारे म्हारा गुरु सा बिराजे।में तो ज्ञान सुनूं सुबह शाम,किनारों काशी रो।म्हारी झोपड़ी बना दे भगवान किनारों काशी रो।
काशी रे किनारे म्हारी गायां घनेरी।में तो परिक्रमा करूं सुबह शाम,किनारों काशी रो।म्हारी झोपड़ी बना दे भगवान किनारों काशी रो।
काशी रे किनारे म्हारी सहेल्यां घणेरी।में तो भजन करूं सुबह शाम,किनारों काशी रो।म्हारी झोपड़ी बना दे भगवान किनारों काशी रो।