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Holi geet

Ghani der se ube munde bol to sari,घनी देर से उबे मुंडे बोल तो सरी,holi geet

घनी देर से उबे मुंडे बोल तो सरी

घनी देर से उबे मुंडे बोल तो सरी
थारे गोरेडो मुखड़े रो घुंघट खोल तो सरी
अरे अरे.. थारा गोरेडो मुखड़े रो घुंघट खोल तो सरी।



अरे गेले गेले चालता तू बात करे च गेली,
तू मैने इसी वीसी मत जाने रे काली नागन सी जरी रे।
घनी देर से उबे मुंडे बोल तो सरी
थारे गोरेडो मुखड़े रो घुंघट खोल तो सरी।



हरी मिर्च का झूमक रे तारो छाई रात,
अरे दिन दिन तो निकल लेता पर बैरन होगी रात
तू मैने इसी वीसी मत जाने रे काली नागन सी जरी रे।
घनी देर से उबे मुंडे बोल तो सरी
थारे गोरेडो मुखड़े रो घुंघट खोल तो सरी।




केला की सी कामनी रे गोरी जोबन में भरपूर
अरे खैता वालो पडगो महंगो होगो चकना चूर
तू मैने इसी वीसी मत जाने रे काली नागन सी जरी रे।
घनी देर से उबे मुंडे बोल तो सरी
थारे गोरेडो मुखड़े रो घुंघट खोल तो सरी।



कची कैरी कच कच जी काचा जाका बीज,
तू क्यू म्हारी लेर फिरे छ आई देखवा तीज
तू मैने इसी वीसी मत जाने रे काली नागन सी जरी रे।
घनी देर से उबे मुंडे बोल तो सरी
थारे गोरेडो मुखड़े रो घुंघट खोल तो सरी।



अरे झालो दिया दस मरे रे मुंडा देखा तीस
जे सोलहा शृंगार करू तो रॅंडवा मरे पचीस
तू मैने इसी वीसी मत जाने रे काली नागन सी जरी रे।
घनी देर से उबे मुंडे बोल तो सरी
थारे गोरेडो मुखड़े रो घुंघट खोल तो सरी।

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