फागण रंगीला आया खाटू चलो,
फागण रंगीला आया,खाटू चलो,
छोड़ तो ये चिंता तुम,घर और जहान की,
बस एक झोला उठाया,खाटू चलो,
फागण रंगीला आया,खाटू चलो,
श्याम बाबा ने बुलाया,खाटू चल।
फागण की ग्यारस की,मौज ही अलग है,
श्याम दर्शन को आया,जैसे सारा जग है,
गली गली हर जगह है,भक्तों की टोलियां,
यहाँ वहां बाबा का जयकारा,रहा लग है,
खाटू नरेश की जय,जादू सा सब पे छाया,
खाटू चलो,श्याम बाबा ने बुलाया,
खाटू चलो,फागण रंगीला आया,
खाटू चलो,श्याम बाबा ने बुलाया,
खाटू चल।
शीश का दानी,किसी ने लखदातार कहाँ,
सांवरिया सेठ कहा,यारों का यार कहा,
नन्द किशोर माखन चोर,मुरलीधर कहा,
खाटू नरेश कलियुग का,अवतार कहा,
सबके के मनो को भाया,खाटू चलो,
श्याम बाबा ने बुलाया,खाटू चलो,
फागण रंगीला आया,खाटू चलो,
श्याम बाबा ने बुलाया,खाटू चल।
मांग लेना जो भी चाहो सबसे बड़ा दानी है,
सँवारे की माया जिसने पूजा उसने जानी है,
हारे का सहारा कभी काम ना अटकने दे,
सरल लक्खा पे करता रहता मेहरबानी है ,
हाँ मौका सुनहरा पाया खाटू चलो,
श्याम बाबा ने बुलाया खाटू चलो,
मौका सुनहरा पाया खाटू चलो,
श्याम बाबा ने बुलाया खाटू चलो।
छोड़ तो ये चिंता तुम घर और जहान की,
बस एक झोला उठाया, खाटू चलो,
फागण रंगीला आया, खाटू चलो,
श्याम बाबा ने बुलाया, खाटू चलो।