चला दो बिहारी जी राधा नाम पिचकारी।चला दो बिहारी जी राधा नाम पिचकारी।चला दो बिहारी जी राधा नाम पिचकारी।
राधा नाम पिचकारी चलाके।राधा नाम पिचकारी चलाके।राधा नाम पिचकारी चलाके। रंग दो दुनिया सारी। चला दो बिहारी जी राधा नाम पिचकारी।चला दो बिहारी जी राधा नाम पिचकारी।
राधा नाम के रंग में रंग के मस्त बनी में डोलू। और तो कुछ जानू ना जानू बस राधा राधा बोलूं। ऐसी मस्ती भर दो प्यारे भूल जाऊं सुध सारी।चला दो बिहारी जी राधा नाम पिचकारी।चला दो बिहारी जी राधा नाम पिचकारी।
ऐसी पिचकारी को चला दो रोम-रोम रस राधा। तन मन प्राण ऐसे मिल जाए जो मिश्री में सुहागा।चढ़ी रहे दिन रैन ना उतरे राधा नाम खुमारी।चला दो बिहारी जी राधा नाम पिचकारी।चला दो बिहारी जी राधा नाम पिचकारी।
जिस रंग में रंगे हैं बिहारी वही रंग चढ़ा दो। पिचकारी हो या हो बंसी राधा नाम रमा दो। राधा राधा रटते रटते बीते उमरिया सारी।चला दो बिहारी जी राधा नाम पिचकारी।चला दो बिहारी जी राधा नाम पिचकारी।
गोपाली रंग जाएंगे वो जो संतों की नजर में। पागल वह अपनाते बिहारी आग लगे जिस घर में। बिरहा आंगन में दहन करा दो मोह माया की बीमारी। चला दो बिहारी जी राधा नाम पिचकारी।चला दो बिहारी जी राधा नाम पिचकारी।
चला दो बिहारी जी राधा नाम पिचकारी।चला दो बिहारी जी राधा नाम पिचकारी।चला दो बिहारी जी राधा नाम पिचकारी।