ओ दे गयो कागद पोस्टमैन, म्हारा पीव घर आसी जी।आ शरद पूनम की रात चांदनी रंग बरसा सी जी।आ शरद पूनम की रात चांदनी रंग बरसा सी जी।
पतला पतला फलका पोस्यूँ, उजळी रान्धू खीर ।
आँगन बैठ जिमास्यूं म्हारी नणदल बाई रो बीर।
म्हारे मन री बात सुणास्यूं जद म्हाने गले लगासी जी।आ शरद पूनम की रात चांदनी रंग बरसा सी जी।
ओ दे गयो कागद पोस्टमैन, म्हारा पीव घर आसी जी।आ शरद पूनम की रात चांदनी रंग बरसा सी जी।
काजल टीकी लगाके करस्यूँ मैं सोळा सिणगार ।
बाट जोवते आंख्यां थकगी कद आसी भरतार।
म्हारा मेहँदी राच्या हाथ सजन ने घणा सुहासी जी।आ शरद पूनम की रात चांदनी रंग बरसा सी जी।
ओ दे गयो कागद पोस्टमैन, म्हारा पीव घर आसी जी।आ शरद पूनम की रात चांदनी रंग बरसा सी जी।
सावन बीते फागण जावे, बीता तीज त्यौहार।
घणी अडिकी जद यो आयो मिलबा को त्यौहार।
ओ रंगां को त्यौहार सजन म्हारे रंग रंग जासी जी ।आ शरद पूनम की रात चांदनी रंग बरसा सी जी।
ओ दे गयो कागद पोस्टमैन, म्हारा पीव घर आसी जी।आ शरद पूनम की रात चांदनी रंग बरसा सी जी।