हरि खेल रहे ब्रज में होली, हरि खेल रहे ब्रज में होली।
कौन गांव के कृष्ण कन्हाई, और कहा के राधा गोरी, हरि खेल रहे ब्रज में होली…..
गोकुल के है कृष्ण कन्हाई, बरसाने की राधा गोरी, हरि खेल रहे ब्रज में होली…..
का रंग मेरे कृष्ण कन्हाई,
का रंग है राधा गोरी, हरि खेल रहे ब्रज में होली….
श्याम रंग मेरे कृष्ण कन्हाई, गौर वरण राधा गोरी, हरि खेल रहे ब्रज में होली…..
को भर मारे रंग पिचकारी, का की भीगी है चोली, हरि खेल रहे ब्रज में होली……
कान्हा मारे भर पिचकारी, राधा की है भीगी चोली, हरि खेल रहे ब्रज में होली……
कौन रंग मारे भर पिचकारी, को रंग भीगे ब्रज की गोरी, हरि खेल रहे ब्रज में होली……
लाल रंग मारे भर भर कान्हा, लाल रंग भीगे राधा गोरी, हरि खेल रहे ब्रज में होली……