फागन को महीनो लिख दीनयो बाबाजी के नाम।। कोई काम नहीं दूजा बस बोला जय श्री श्याम।
खाटू की नगरिया सज गई निराली जी। गलियां गलियां गूंजे म्हारा श्याम धणी को नाम।
फागन को महीनो लिख दीनयो बाबाजी के नाम।। कोई काम नहीं दूजा बस बोला जय श्री श्याम।
बेगा सा चालो श्याम धनी रे द्वार।। बाबो बैठयो डीके टाबरिया री बाट।
फागन को महीनो लिख दीनयो बाबाजी के नाम।। कोई काम नहीं दूजा बस बोला जय श्री श्याम।
ऐसो तो नजारों देख्यो सुन्यो ना कोई बार।है स्वर्ग से भी सुंदर म्हारे बाबाजी रो द्वार।
फागन को महीनो लिख दीनयो बाबाजी के नाम।। कोई काम नहीं दूजा बस बोला जय श्री श्याम।
फागन को महीनो लिख दीनयो बाबाजी के नाम।। कोई काम नहीं दूजा बस बोला जय श्री श्याम।