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विविध भजन

Janki nath sahay kare,जानकी नाथ सहाय करें,

जानकी नाथ सहाय करें,

जानकी नाथ सहाय करें,
जब कौन बिगाड़ करे नर तेरो,
जानकी नाथ सहाय करें।


सुरज मंगल सोम भृगु सुत बुध और गुरु वरदायक तेरो,
राहु केतु की नाहिं गम्यता संग शनीचर होत हुचेरो।जानकी नाथ सहाय करें,
जब कौन बिगाड़ करे नर तेरो,
जानकी नाथ सहाय करें।



दुष्ट दु:शासन निबल द्रौपदी चीर उतार कुमंतर फेरो,ताकी सहाय करी करुणानिधि बढ़ गये चीर के भार घनेरो।जानकी नाथ सहाय करें,
जब कौन बिगाड़ करे नर तेरो,
जानकी नाथ सहाय करें।



जाकी सहाय करी करुणानिधि ताके जगत में भाग बढ़े रो,रघुवंशी संतन सुखदायी तुलसीदास चरनन को चेरो।जानकी नाथ सहाय करें,
जब कौन बिगाड़ करे नर तेरो,
जानकी नाथ सहाय करें।

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