कर्म धर्म री सड़क बनाय ल्यो, सूरत नुरत रा चीला रे।अजर सरूपी बणी गाड़ली,अमरापुर जावेला रे।गाड़ी गुरूजी रा नाम री, कोई विरला संत चढ़ेला रे ।
पहल टेशन ओमकार का,उल्टा बम्ब चढ़ेला रे।
पश्चिम दिशा सुरंग बनी है,दशवे में तार मिळेला रे।गाड़ी गुरूजी रा नाम री,कोई विरला संत चढ़ेला रे ।
दूजा टेशन सोहमकार का,टिकट वहा पे बटेला रे। धर्मराज ने टिकट बतावो,जमड़ा दूर हटेला रे।
गाड़ी गुरूजी रा नाम री, कोई विरला संत चढ़ेला रे ।
तीजा टेशन रेणुकार का,भंवर गुफा भणकेला रे।
शीश काट ने हवा बंगले में,गुरु किरपा से मिळेला रे।गाड़ी गुरूजी रा नाम री, कोई विरला संत चढ़ेला रे ।
उड़द नाम की आखिर टेशन,सत में सत मिळेला रे।कहत कबीर सुण भाई साधु, ऊँचा शिखर चढ़ेला रे।गाड़ी गुरूजी रा नाम री,कोई विरला संत चढ़ेला रे ।
कर्म धर्म री सड़क बनाय ल्यो, सूरत नुरत रा चीला रे।अजर सरूपी बणी गाड़ली,अमरापुर जावेला रे।गाड़ी गुरूजी रा नाम री, कोई विरला संत चढ़ेला रे ।