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रानीसती दादी भजन लीरिक्स

Bigde huwe nashib ko humne bana liya,बिगड़े हुए नसीब को हमने बना लिया,dadi bhajan

बिगड़े हुए नसीब को हमने बना लिया

बिगड़े हुए नसीब को हमने बना लिया
तेरे चरण की धूल को सिर पे सजा लिया,
बिगड़े हुए नसीब को हमने बना लिया।



हो रोग तो इलाज भी हो जाएगा कही,
बिगड़े नसीब की मिलती दवा नहीं,
तेरे चरण की धूल में अमृत को पा लिया,
बिगड़े हुए नसीब को हमने बना लिया।



माया के झूठे जाल में कुछ इस तरह फसे,
तुम साथ थी मगर तुम्हे पहचान न सके,
जैसे किसी ने आँख पर पर्दा गिरा दियां,
बिगड़े हुए नसीब को हमने बना लिया।



कैसे अदा करे तेरा दादी जी शुकरियाँ,
पत्थर से इस नसीब को हीरा बना दियां,
अच्छा हुआ के आप की चौकठ पे आ गया,
बिगड़े हुए नसीब को हमने बना लिय

बिगड़े हुए नसीब को हमने बना लिया
तेरे चरण की धूल को सिर पे सजा लिया,
बिगड़े हुए नसीब को हमने बना लिया।

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