भीम बलवान गए वन में फूल लाने को, राह में बैठे थे हनुमान आजमाने को ।
पूंछ फैला के हनुमान राह में बैठे, गदा की टेक
बल दिखाने को।राह में बैठे थे हनुमान आजमाने को ।भीम बलवान गए वन में फूल लाने को, राह में बैठे थे हनुमान आजमाने को ।
भीम ने उनसे कहा पूंछ हटा लो अपनी, क्योंकि मैं जाऊंगा वन में फूल लाने को।राह में बैठे थे हनुमान आजमाने को ।भीम बलवान गए वन में फूल लाने को, राह में बैठे थे हनुमान आजमाने को ।
बोले हनुमान अगर तुमको वन में जाना है, उठा कर पूंछ चले जाओ फूल लाने को।राह में बैठे थे हनुमान आजमाने को ।भीम बलवान गए वन में फूल लाने को, राह में बैठे थे हनुमान आजमाने को ।
क्रोध में भर के उठे पूंछ वो हटाने को, हिला तलक ना सके गए थे उठाने को।राह में बैठे थे हनुमान आजमाने को ।भीम बलवान गए वन में फूल लाने को, राह में बैठे थे हनुमान आजमाने को ।
भीम ने उनसे पूछा आप कौन हो स्वामी, बताएं नाम अपना होती देर जाने को ।राह में बैठे थे हनुमान आजमाने को ।भीम बलवान गए वन में फूल लाने को, राह में बैठे थे हनुमान आजमाने को ।
नाम हनुमान मेरा पुत्र पवन का हूं मैं, आया हूं तुमको सखा अपना मैं बनाने को।राह में बैठे थे हनुमान आजमाने को ।भीम बलवान गए वन में फूल लाने को, राह में बैठे थे हनुमान आजमाने को ।
आज से तुम मेरे मैं रामनारायण तेरा, जाओ अब जाओ चले जाओ फूल लाने को ।राह में बैठे थे हनुमान आजमाने को ।भीम बलवान गए वन में फूल लाने को, राह में बैठे थे हनुमान आजमाने को ।
भीम बलवान गए वन में फूल लाने को, राह में बैठे थे हनुमान आजमाने को ।