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विविध भजन

Jay siyaram bol mana kyo firta dawadol mana,जय सियाराम सियाराम बोल मनाक्यों फिरता डामा डोल मना

जय सियाराम सियाराम बोल मना
क्यों फिरता डामा डोल मना ।



जय सियाराम सियाराम बोल मना
क्यों फिरता डामा डोल मना ।



या काया एक तेरी हटड़ी है क्यों बांधे पाप कि गठरी है। सदा जग का सौदा तोल मना क्यों फिरता डामाडोल मना। जय सियाराम सियाराम बोल मना
क्यों फिरता डामा डोल मना ।



तेरी काया मे एक मन्दिर है इसमे बैठे प्रभु अन्दर है।अन्दर के पट ने खोल मना क्यों
फिरता डामाडोल मना।जय सियाराम जय सियाराम सियाराम बोल मना
क्यों फिरता डामा डोल मना ।



तेरे काया मे एक सीसा है तु पाच चौरा ने पकड़ा है। तु इनसे मुखड़ा मोड़ मना क्यों फिरता डामाडोल मना । जय सियाराम सियाराम बोल मना
क्यों फिरता डामा डोल मना ।



क्यों फिरता है चौरासी मे जय भजन करे अविनाशी का।तेरा जीवन हे अनमोल मना क्यों
फिरता डामाडोल मना ।जय सियाराम सियाराम बोल मना
क्यों फिरता डामा डोल मना ।



तेरी काया मे अलमारी हे चाबी लेके ताला खोल मना।वहाँ बैठा कृष्ण मुरारी है क्यों फिरता डामाडोल मना। जय सियाराम सियाराम बोल मना
क्यों फिरता डामा डोल मना ।

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