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Indar ki indrani chali to Brahma ki brahmani o ram,इन्द्र की इन्द्राणी भी चाली तो ब्रह्मा की ब्रह्माणी हो राम ,ekadashi bhajan,

इन्द्र की इन्द्राणी भी चाली तो ब्रह्मा की ब्रह्माणी हो राम



इन्द्र की इन्द्राणी भी चाली तो ब्रह्मा की ब्रह्माणी हो राम।शिवशंकर की चली हे पार्वती तीनों नाहवन चाली हो राम।

एक बन चाली दो बन चाली तो तीजे बन मे आई हो राम। माता अनसुइया ने देखी आवती तो आसन झाड़ बिछाया हो राम ।

भूखी हो तो भोजन कर तो
ठंडा पानी पीवो हो राम।
भोजन का हम भूखा कोन्या तो
ठंडा पानी ना पीवा हो राम।

हम आया मैया गंगा नाहने तो चाहिए गंगा पानी हो राम।माता अनसुइया ने फेरी है माला
तो वह गई गंगा माई हो राम ।



इन्द्र की इन्द्राणी भी नाहवे तो
ब्रह्मा की ब्रह्माणी हो राम। शिवशंकर की नाहवे पार्वती तीनों नाइके चाली हो रा



अपना अपना पति हे सिखाया तो अनसुइया का सत हर तो हो राम। इन्द्र भी चाला ब्रह्मा भी चाला तो शिवशंकर भी चाला हो राम।

एक बन चाला दो बन चाला तो तीजा बन में आया हो राम।
माता अनसुइया ने देखा आवता तो आसन झाड़ बिछाया हो राम।

भूखा हो तो भोजन कर तो ठंडा पानी पीवो हो रा।भोजन का हम भूखा कोन्या तो ठंडा पानी ना पीवा हो राम।

नंगी तिरया का दूध पीयेंगे तो सत अजमावन आया हो राम। माता अनसुइया ने फेरी है माला
हो महिला का सत परखेंगे राम।



दूधा भी पयावे माता गोदी खिलावे तो लोरी गाए सुलावे हो राम। हरा दरखत के घला हे पालना तो तीनवा ने झूला झुलावे हो राम।

इन्द्र की इन्द्राणी भी सोचे तो ब्रह्मा की ब्रह्माणी हो राम । शिवशंकर की सोचे पार्वती पति उलटा ना आया हो राम



तीनों मिल के चाल पड़ी वो पति ढूंढने ने चाली हो राम। एक बन आई दो बन आ
तो तीजा बन मे आई हो राम ।

माता अनसुइया ने देखी आवती तो आसन झाड़ बिछाया हो राम।

भूखी हो तो भोजन कर लो ठंडा पानी पीवो हो राम । भोजन का हम भूखा कोन्या तो ठंडा पानी ना पीवा हो रा



छ महिना पति गया ने हो लिया तो उलटा कोन्या आया हो राम। हरा दरखत पे घला हे पालन
तो तीनों झुला झूले हो राम ।

अपना अपना पति है पिछानो तो अपना अपना उठा लो हो राम । इन्द्र की इन्द्राणी भी देख तो ब्रह्मा ब्रह्माणी हो राम ।

शिवशंकर की देख पार्वती
पति हे समझ मे ना आया हो राम ।
हाथ जोड़ पैरा में पड़ गई तो तुम ही पहचान बताओ हो राम ।

माता अनसुइया ने फेरी हे माला
तो हो गया पहले जैसा हो राम। हाथ जोड़ पेरा मे पड़ गया तो तुम हो माता सत की हो राम ।

जो अनसुइया ने ग्यारस ने गावे तो सीधा स्वर्ग मे जाते हो राम। जो अनसुइया ने माउस ने गावे तो मनचाहा फल पावे हो राम ।

बुढिया गावे स्वर्ग मे जाये तो तरणी पुत्र खिलाने हो राम। कुवांरी गावे घर वर पावे हम गावे अपना श्याम ।

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