तर्ज,मेरी विनती सुनो भगवान
तुम सुनो श्री भगवान लगाकर ध्यान भूल मत जाना, सत्संग में जल्दी आना।
मेरा गोकुल जैसा गांव नहीं ,यहां दूध दही का नाम नहीं, यहां मिले मोल का दूध बनाऊं वाकी खीर, खीर खाना।तुम सुनो श्री भगवान लगाकर ध्यान भूल मत जाना, सत्संग में जल्दी आना।
मेरा मथुरा जैसा देश नहीं, यहां देसी घी का नाम नहीं। यहां मिले रिफाइंड तेल बनाऊं वाको भोग, भोग पाना ।तुम सुनो श्री भगवान लगाकर ध्यान भूल मत जाना, सत्संग में जल्दी आना।
बरसाने जैसा गांव नहीं यहां राधा जैसी नार नही।
यहां तरह-तरह की नार भूल मत जाना।तुम सुनो श्री भगवान लगाकर ध्यान भूल मत जाना, सत्संग में जल्दी आना।
मैं अर्जुन जैसा भगत नहीं ,मुझे गीता जी का ज्ञान नहीं ,यहां तरह-तरह के लोग बनावे बात भूल मत जाना।तुम सुनो श्री भगवान लगाकर ध्यान भूल मत जाना, सत्संग में जल्दी आना।