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durga bhajan lyrics दुर्गा भजन लिरिक्स

Chand jaisa mukhda ma ka baithi hai darwar me,चाँद जैसा मुखड़ा माँ का, बैठी है दरबार में,durga bhajan

चाँद जैसा मुखड़ा माँ का, बैठी है दरबार में

तर्ज- चाँद जैसा मुखड़ा लेके

चाँद जैसा मुखड़ा माँ का, बैठी है दरबार में, रत्नागढ़ से आ गई मैया, हम भक्तों के प्यार में, चांद जैसा मुखड़ा मां का, बैठी है दरबार में



भाई किर्सान्यो करे चाकरी, मैया के दरबार में, अन्नपूर्णा से आ गई मैया, किन्यो के प्यार में, चांद जैसा मुखड़ा मां का, बैठी है दरबार में।

भाई झमराल्यो करे चाकरी, मैया के दरबार में, सलकनपुर से आ गई मैया, झमराल्या के प्यार में, चांद जैसा मुखड़ा मां का, बैठी है दरबार में।



भाई सुनार्यो करे चाकरी, मैया के दरबार में, पावागङ से आ गई मैया, सुनार्या के प्यार में, चांद जैसा मुखड़ा मां का, बैठी है दरबार में।

चाँद जैसा मुखड़ा माँ का, बैठी है दरबार में, रत्नागढ़ से आ गई मैया, हम भक्तों के प्यार में, चांद जैसा मुखड़ा मां का, बैठी है दरबार में

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