तर्ज- चाँद जैसा मुखड़ा लेके
चाँद जैसा मुखड़ा माँ का, बैठी है दरबार में, रत्नागढ़ से आ गई मैया, हम भक्तों के प्यार में, चांद जैसा मुखड़ा मां का, बैठी है दरबार में
भाई किर्सान्यो करे चाकरी, मैया के दरबार में, अन्नपूर्णा से आ गई मैया, किन्यो के प्यार में, चांद जैसा मुखड़ा मां का, बैठी है दरबार में।
भाई झमराल्यो करे चाकरी, मैया के दरबार में, सलकनपुर से आ गई मैया, झमराल्या के प्यार में, चांद जैसा मुखड़ा मां का, बैठी है दरबार में।
भाई सुनार्यो करे चाकरी, मैया के दरबार में, पावागङ से आ गई मैया, सुनार्या के प्यार में, चांद जैसा मुखड़ा मां का, बैठी है दरबार में।
चाँद जैसा मुखड़ा माँ का, बैठी है दरबार में, रत्नागढ़ से आ गई मैया, हम भक्तों के प्यार में, चांद जैसा मुखड़ा मां का, बैठी है दरबार में