तर्ज,सूरज कब दूर गगन से
हे पवनपुत्र बलकारी, थे राखो लाज हमारी। मां अंजनी का थे लाला। दुखियों का थे रुखाला। ओ बालाजी के सबसे न्यारा हो। दुनिया को थे प्यारा हो।
लाल लंगोटा धारी, शंकर के अवतारी। पवनपुत्र बलकारी, राखो लाज हमारी। हम आए शरण तुम्हारी। प्रभु विपदा काटो सारी।ओ बालाजी के सबसे न्यारा हो। दुनिया को थे प्यारा हो।
लक्ष्मण पर संकट आया तब तुम ने ही बचाया। पर्वत को उठा कर संजीवन बूटी लाया। लक्ष्मण के प्राण बचाकर तुम ने इतिहास रचाया।ओ बालाजी के सबसे न्यारा हो। दुनिया को थे प्यारा हो।
श्याम कहे सुन वाला, मां अंजनी के लाला। भक्तों के प्रतिपाला तुम हो दीनदयाला। अब हमरे संकट काटो। प्रभु दुख के बादल छाटो।ओ बालाजी के सबसे न्यारा हो। दुनिया को थे प्यारा हो।
हे पवनपुत्र बलकारी, थे राखो लाज हमारी। मां अंजनी का थे लाला। दुखियों का थे रुखाला। ओ बालाजी के सबसे न्यारा हो। दुनिया को थे प्यारा हो।