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श्याम भजन लिरिक्स

Darwar me aakar baba ko tu apna haal sunaye ja,दरबार में आकर बाबा को, तू अपना हाल सुनाए जा,shyam bhajan

दरबार में आकर बाबा को, तू अपना हाल सुनाए जा,

तर्ज दुनिया में देव हजारों है

दरबार में आकर बाबा को, तू अपना हाल सुनाए जा, बाबा ना सुने ना मुमकिन है, तू अपना जोर लगाए जा, दरबार मे आकर बाबा को, तू अपना हाल सुनाए जा।



है काम बहुत मेरे बाबा को, ये सारे जग का स्वामी है, सुनने की घड़ी कब आ जाए, तू अपना दाव लगाए जा, दरबार मे आकर बाबा को,तू अपना हाल सुनाए जा।

नंबर कब किसका लग जाए, ये अपनी अपनी किस्मत है, खाली ना गया कोई दर से कभी, आशा का दीप जलाए जा, दरबार मे आकर बाबा को, तू अपना हाल सुनाए जा।



यहा देर भले ही हो जाए, अंधेर की कोई बात नही, ‘नंदू’ धीरज का फल मीठा, तू धीरज को अपनाए जा,दरबार मे आकर बाबा को, तू अपना हाल सुनाए जा।

दरबार में आकर बाबा को, तू अपना हाल सुनाए जा, बाबा ना सुने ना मुमकिन है, तू अपना जोर लगाए जा, दरबार मे आकर बाबा को, तू अपना हाल सुनाए जा।

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