तर्ज, एक तरफ उसका घर एक तरफ मैंकदा
ऐ मेरे साँवरे, तू बता रास्ता,
हार कर आया हूँ, अब तो दे आसरा,
ना कोई मेरा, तू बन जा साथी साँवरा,
हार कर आया हूँ, अब तो दे आसरा,
ऐ मेरे साँवरे, तू बता रास्ता,
हार कर आया हूँ, अब तो दे आसरा,
छाई काली घटा, छाया अँधियारा है,
कर दे अब रौशनी, दिल से पुकारा है,
तेरा लिए सब संभव, जैसा भी हो माज़रा,
हार कर आया हूँ, अब तो दे आसरा,
ऐ मेरे साँवरे, तू बता रास्ता,
हार कर आया हूँ, अब तो दे आसरा,
देने की आदत तेरी, तेरा दस्तूर है,
लेने ना पाया शायद, मेरा क़सूर है,
भर दे अब झोली, जैसे भरा मायरा
हार कर आया हूँ, अब तो दे आसरा,
ऐ मेरे साँवरे, तू बता रास्ता,
हार कर आया हूँ, अब तो दे आसरा,
ख्वाहिशे आसमाँ, दिल तो नादाँन था,
अपनी औकात से, मैं तो अन्ज़ान था,
जाना गिर के ये मैंने, क्या है मेरा दायरा,
हार कर आया हूँ, अब तो दे आसरा,
ऐ मेरे साँवरे, तू बता रास्ता,
हार कर आया हूँ, अब तो दे आसरा,
तेरे निर्मल का बाबा, तू ही अंज़ाम है,
फ़ैसला है मंजूर, जा ये तेरे नाम है,
होगा वहीं जो तू, चाहेगा साँवरा,
हार कर आया हूँ, अब तो दे आसरा,
ऐ मेरे साँवरे, तू बता रास्ता,
हार कर आया हूँ, अब तो दे आसरा,
ऐ मेरे साँवरे तू बता रास्ता,
ऐ श्याम तू जहाँ का नूऱ है,
सबकी सुनता है कितना मगशूल है,
मैं भी ना लिए जाऊँ दर से तेरे,
ऐ मेरे साँवरे, तू बता रास्ता,
हार कर आया हूँ, अब तो दे आसरा,
ना कोई मेरा, तू बन जा साथी साँवरा,
हार कर आया हूँ, अब तो दे आसरा,
ऐ मेरे साँवरे, तू बता रास्ता,
हार कर आया हूँ, अब तो दे आसरा,