कोई कहे शिव काशी में है कोई कहे कैलाश में। शिव है मेरे विश्वास में।शिव है मेरे विश्वास में।
कोई कहे शिव धरती पर है कोई कहे आकाश में शिव है मेरे विश्वासमें,शिव है मेरे विश्वास में।
शिव जल में है, शिव थल में है। शिव फूल में है शिव फल में है। शिव घड़ी में है, शिव पल में है। शिव आज में है शिव कल में है। शिव रेत में है शिव थल में है। शिव बुद्धि में है, शिव बल में है। शिव अर्चन में, शिव हल में है। शिव कुदरत की हलचल में है। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कोई कहे शिव भक्ति में है, कोई कहे उपवास में।शिव है मेरे विश्वास में।शिव है मेरे विश्वास में।
कोई कहे शिव काशी में है कोई कहे कैलाश में। शिव है मेरे विश्वास में।शिव है मेरे विश्वास में।
शिव धीरज में, शिव धर्म में है। शिव मेहनत में, शिव कर्म में है। शिव शास्त्र मे, शिव ग्रंथों में। शिव जन कल्याण के पंथ्यों में, शिव त्याग में है, शिव ध्यान में है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 शिव यस गौरव सम्मान में है। शिव निश्चय में, शिव श्रद्धा मे। शिव निष्ठा में, शिव आस्था में। कोई कहे शिव गृहस्थ में है कोई कहे सन्यास में। शिव है मेरे विश्वास में।शिव है मेरे विश्वास में।
कोई कहे शिव काशी में है कोई कहे कैलाश में। शिव है मेरे विश्वास में।शिव है मेरे विश्वास में।
शिव मन में है, कण कण में है। शिव प्रेम के मंथन में है। शिव रहते हैं दसों दिशाओं में। शिव बसते हैं सरव कलाओं में। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺शिव जप में है, शिव तप में है। शिव भक्तों के संकल्प में है। शिव गंगाधर घट घट वासी है। शिव अजर अमर अविनाशी है।🌺🌺🌺🌺🌺 कोई कहे शिव भवनों में है, कोई कहे बनवास में। शिव है मेरे विश्वास में।शिव है मेरे विश्वास में।
कोई कहे शिव काशी में है कोई कहे कैलाश में। शिव है मेरे विश्वास में।शिव है मेरे विश्वास में।
कोई कहे शिव धरती पर है कोई कहे आकाश में शिव है मेरे विश्वासमें,शिव है मेरे विश्वास में।