तर्ज, ग्यारस चानण की आई
नोमी मंगसिर की आई,
परणीजे लाडो बाई,
तनधन पधार्या म्हारे आँगणे,
ओ भगतो तनधन पधार्या म्हारे आँगणे,
तोरण मारण के तांई,
कवंरा पधार॒या ओ-२
गंगा माँ लेवे बलाई,
आरतो उतारया ओ-२
साथिड़ा घूमर घाले,
गिन्नी का थाल उछाले,
नाचे बाराती म्हारे बारणे,
ओ भगतो,नाचे बाराती म्हारे बारणे,
नोमी मंगसिर की आई,
परणीजे लाडो बाई,
तनधन पधार्या म्हारे आँगणे,
ओ भगतो तनधन पधार्या म्हारे आँगणे,
वरमाला पाछे बाई,
फेरां में बैठी ओ -२
तनधन पहराई बाई ने,
नेग अगूंठी ओ-२
जोशी जी मन्तर गावे,
दोन्यां सुं वचन भरावे,
माँ बापू बैठया निरखे सामणे,
ओ भगतो माँ बापू बैठया निरखे सामणे,
नोमी मंगसिर की आई,
परणीजे लाडो बाई,
तनधन पधार्या म्हारे आँगणे,
ओ भगतो तनधन पधार्या म्हारे आँगणे,
छप्पन भान्ति का व्यंजन,
आज बणाया ओ-२
होसी इब गोठ सजन की,
थाल सजाया ओ-२
तनधन जी जीमण आवे,
नेवगण को नेग चुकावे,
सीठणा सखियाँ लागी घालणे,
ओ भगतो सीठणा सखियाँ लागी घालणे,
नोमी मंगसिर की आई,
परणीजे लाडो बाई,
तनधन पधार्या म्हारे आँगणे,
ओ भगतो तनधन पधार्या म्हारे आँगणे,
सिरगूंथी होयां पाछे,
होसी पहरानी ओ-२
आई बिदा की घड़ियाँ,
सखियाँ सब जाणी ओ-२
“हर्ष” नाराणी बाई,
हो जासी आज पराई,
आँखड़ल्यां बरसे याही कारणे,
ओ भगतो आँखड़ल्यां बरसे याही कारणे,
नोमी मंगसिर की आई,
परणीजे लाडो बाई,
तनधन पधार्या म्हारे आँगणे,
ओ भगतो तनधन पधार्या म्हारे आँगणे,