एसो कोई नहीं रे,एसो कोई नहीं रे, हीरा को परखैया राम कोई नहीं रे।
राम नाम को हाट लगायो घर जाने की बाट। संभल संभल कर कदम रखो रे यमुरापुर की बाट।
एसो कोई नहीं रे,एसो कोई नहीं रे, हीरा को परखैया राम कोई नहीं रे।
जोगी आया जोगी आया ढोंगी आया रे।योगी आया गांव में वहां गई नहीं रे।
एसो कोई नहीं रे,एसो कोई नहीं रे, हीरा को परखैया राम कोई नहीं रे।
हीरा घालयां पोटली में सतगुरु मांडयों हाथ। छांट छांटकर तुम ही चढ़ा लो,मोल करे ना कोई।
एसो कोई नहीं रे,एसो कोई नहीं रे, हीरा को परखैया राम कोई नहीं रे।
हीरा देय देय ग्राहक बुलाया,दिया भंडारा खोल।बीच बजारा बोली लगाई,और बजायो ढोल।
एसो कोई नहीं रे,एसो कोई नहीं रे, हीरा को परखैया राम कोई नहीं रे।