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श्याम भजन लिरिक्स

Shyam teri Inayat se mili ye jindagani hai,श्याम तेरी इनायत से,मिली ये जिंदगानी है,shyam bhajan

श्याम तेरी इनायत से,
मिली ये जिंदगानी है,

तर्ज,मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता

श्याम तेरी इनायत से,
मिली ये जिंदगानी है,
मुझे इज्जत की रोटी दी,
ये तेरी मेहरबानी है,
श्याम तेरी इनायत से,
मिली ये जिंदगानी है।

हजारों नेमतें देकर,
मुझे सौंपा जहाँ तुमने,
मुझे खुशहाल रखने में,
कमी छोड़ी कहाँ तुमने,
मेरी ये हैसियत तेरी ही,
रहमत की निशानी है,
मुझे इज्जत की रोटी दी,
ये तेरी मेहरबानी है,
श्याम तेरी इनायत से,
मिली ये जिंदगानी है।

दिल के वीराने गुलशन को,
बहारों से सजाया है,
मेरी हर मांग पर तुमने,
प्यार अपना लुटाया है,
लबों पे आज बस तेरी ही,
करुणा की निसानी है,
मुझे इज्जत की रोटी दी,
मुझे इज्जत की रोटी दी,
श्याम तेरी इनायत से,
मिली ये जिंदगानी है।

सदा जीवन में पग पग पर,
साथ तुमने निभाया है,
पड़ी कोई मुसीबत तो,
तू ही बस काम आया है,
करूं ना शुक्रिया तेरा,
बड़ी मेरी नादानी है,
मुझे इज्जत की रोटी दी,
मुझे इज्जत की रोटी दी,
श्याम तेरी इनायत से,
मिली ये जिंदगानी है।

अगर तेरी दया ना हो,
गुजारा हो नहीं सकता,
जहाँ में आपसा कोई,
सहारा हो नहीं सकता,
भक्तोंने सहज मन से,
तेरी महिमा बखानी है,
मुझे इज्जत की रोटी दी,
मुझे इज्जत की रोटी दी,
श्याम तेरी इनायत से,
मिली ये जिंदगानी है।

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