छलकत हमरी गगरिया ये कान्हा छिनी ना मोरी चुनरिया नंदलाला,
अब रोकू ना तोहरी गगरिया ब्रिज बाला,
करे चुगली हज़ार मोरी माँ से बार बार, लाला तेरा बड़ा उत्पाती,
सारी गोपी सरेआम मुझे करे बदनाम,और जगरा करन नही शरमाती
कन्हिया रूठो ना दिल में जो है हमसे कह दो,
अगर दर जात कब से वजुरिया कान्हा पकड़ी ना मोरी कलैया हो नन्दलाला,
अब पकडू ना तोहरी कलहिया ब्रिजबाला,
ना करू तकरार मोरे मदन मोरार
तेरी मुरली की धुन मोर लगे प्यारी
मै तो मानु हर बात ना लादूंगी तेरे साथ,
ओ बाला सिदा सादा हु मै ना मुझसे खेले।
लचकर हमरी कमरिया कान्हा फोरी ना मेरी गगरिया,
अब फोडू ना तोहरी गगरिया हो ब्रिज बाला,
मेरे नेना कजरार करे सखियों पर वार, हारी दिल जिगर मोपे सब हारी।
देख मेरा यह कमाल होई दीवानी सब बेहाल बिनती करत बारी बारी।
कान्हा दास को चरण शरण में अपने ले लो।
यशोदा की लाला छिनी ना मेरी चुनरिया।
अब रोकू ना तोहरी डगरिया ओ ब्रिज बाला।
छलकत हमरी गगरिया ये कान्हा छिनी ना मोरी चुनरिया नंदलाला,
अब रोकू ना तोहरी गगरिया ब्रिज बाला,