काला पण गणा रुपाला सा सिंगोली रा श्याम ।
सिंगोली रा श्याम मारा चारभुजा रा नाथ सा।
काला पण गणा रुपाला सा, सिंगोली रा श्याम ।
पेच्या सोवे केशरिया , सर पतरंगी पाग सा।
ओ दाढ़ी में हीरो चमके सा,चारभुजा रा नाथ सा।
सिंगोली रा श्याम मारा चारभुजा रा नाथ सा।
काला पण गणा रुपाला सा, सिंगोली रा श्याम ।
आमे सामे बावड़ी सा , निर्मल जाको नीर सा.
पिनहारिया पाणी भरे ,ओड दकनी चीर सा।
माने गड़ो उचाता जाज्यो सा। चारभुजा रा नाथ।
सिंगोली रा श्याम मारा चारभुजा रा नाथ सा।
काला पण गणा रुपाला सा, सिंगोली रा श्याम ।
अरे सोहण कटारो सोवणो , सोरतडी तलवार सा।
हाथा में भाला सोवे। सा चारभुजा रा नाथ।
सिंगोली रा श्याम मारा चारभुजा रा नाथ सा।
काला पण गणा रुपाला सा, सिंगोली रा श्याम ।
धोळो घोड़ो हाथलो ,मोतिया जड़िया पलान सा।
गोड़ला ने थोड़ो गुमादियो सा, चारभुजा रा नाथ।
सिंगोली रा श्याम मारा चारभुजा रा नाथ सा।
काला पण गणा रुपाला सा, सिंगोली रा श्याम ।
सांज सवेरे होव आरती , जालर की झंकार सा।
परासर चवरी धुलावे सा चारभुजा रा नाथ।
सिंगोली रा श्याम मारा चारभुजा रा नाथ सा।
काला पण गणा रुपाला सा, सिंगोली रा श्याम ।
चारभुजा की लावणी ,गावे हरिका लाल सा।
संकट में साय कीज्यो सा चारभुजा रा नाथ।
सिंगोली रा श्याम मारा चारभुजा रा नाथ सा।
काला पण गणा रुपाला सा, सिंगोली रा श्याम ।
काला पण गणा रुपाला सा, सिंगोली रा श्याम
सिंगोली रा श्याम मारा चारभुजा रा नाथ सा।