मनमोहन मुरलिया वाले, बांसुरिया वाले सुनाय रहे बांसुरिया।
मेरे मन में उठी है उमंग रे, झूला झूलूं सांवरिया के संग रे, वो तो झूल रहे बनवारी, झुलायें राधा प्यारी, सुनाय रहे बांसुरिया।
मनमोहन मुरलिया वाले, बांसुरिया वाले सुनाय रहे बांसुरिया।
मेरे मन में उठी है उमंग रे, होली खेलूं सांवरिया के संग रे। वो तो मार रहे पिचकारी, भिगोये राधा साड़ी, सुनाय रहे बांसुरिया।
मनमोहन मुरलिया वाले, बांसुरिया वाले सुनाय रहे बांसुरिया।
मेरे मन में उठी है उमंग रे, मैं तो नाचूं सांवरिया के संग रे। वो तो नाच रहे बनवारी, नचायें राधा प्यारी, सुनाय रहे बांसुरिया।
मनमोहन मुरलिया वाले, बांसुरिया वाले सुनाय रहे बांसुरिया।
मेरे मन में उठी है उमंग रे, गेंद खेलूं सांवरिया के संग रे। वो तो खेल रहे बनवारी, खिलायें राधा प्यारी, सुनाय रहे बांसुरिया।
मनमोहन मुरलिया वाले, बांसुरिया वाले सुनाय रहे बांसुरिया।
मेरे मन में उठी है उमंग रे, मैं तो रूठूं सांवरिया के संग रे, वो तो रूठ गये बनवारी, मनायें राधा प्यारी, सुनाय रहे बांसुरिया।
मनमोहन मुरलिया वाले, बांसुरिया वाले सुनाय रहे बांसुरिया।