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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Mhara ram bag guljar mhari ajab bag guljar,म्हारे राम बाग़ गुलज़ार,म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार,nirgun bhajan

म्हारे राम बाग़ गुलज़ार
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार

म्हारे राम बाग़ गुलज़ार
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. …….. जी……..

ओ म्हारे राम बाग़ गुलज़ार
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. …….. जी……..

एजी तक्त चार चौरासी जिखारी
किन की सड़का न्यारी रे न्यारी
एजी तक्त चार चौरासी जिखारी
किन की सड़का न्यारी रे न्यारी
पेड़ों से पेड़ बने रे
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. …….. जी……..
म्हारे राम बाग़ गुलज़ार
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. …….. जी……..

एजी कुआ इणा रे बाग़ के माहि,
भंवरा गुन लाग्या वाके मांहि
एजी कुआ इणा रे बाग़ के माहि,
भंवरा गुन लाग्या वाके मांहि
ई कुआ से बाग़ पीवे रे
ई कुआ से बाग़ पीवे रे
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. …….. जी……..
म्हारे राम बाग़ गुलज़ार
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. …….. जी……..

ए माला इना रे बाग़ माहि
भर दो बा फूलन लाही
मुख आगे लायकी धरे रे
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. …….. जी……..
म्हारे राम बाग़ गुलज़ार
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. …….. जी……..
मंछा रे मालण माला रे पोहि
दिल चाहे लई जावे रे कोई
देवन के रे शीश चढ़े रे
देवन के रे शीश चढ़े रे
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. …….. जी……..
म्हारे राम बाग़ गुलज़ार
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. …….. जी……..
एजी राम गुरु माला रे दिनी
दास कबीर ने प्रेम कर लिनी
एजी राम गुरु माला रे दिनी
दास कबीर ने प्रेम कर लिनी
घट माहि तो माला रे फिर रे
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. …….. जी……..
म्हारे राम बाग़ गुलज़ार
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. …….. जी……..

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