तर्ज, मैं हूं छोरी मालन की
चलो बना जी शहर मेरा दिल गांव में नहीं लगता है। चलो बना जी शहर चलो।
आगे-आगे सासु चले पीछे चलना पड़ता है। ऐसी नखरे वाली को मम्मी कहना पड़ता है। चलो बना जी शहर चलो।
चलो बना जी शहर मेरा दिल गांव में नहीं लगता है। चलो बना जी शहर चलो।
आगे-आगे जेठानी चले पीछे चलना पड़ता है। ऐसे नखरे वाली को भाभी कहना पड़ता है।चलो बना जी शहर चलो।
चलो बना जी शहर मेरा दिल गांव में नहीं लगता है। चलो बना जी शहर चलो।
आगे आगे ननदी चलती पीछे चलना पड़ता है। ऐसी फैशन वाली को दीदी कहना पड़ता है। चलो बना जी शहर चलो।
चलो बना जी शहर मेरा दिल गांव में नहीं लगता है। चलो बना जी शहर चलो।