तर्ज,थोड़ा सा प्यार हुवा है
मैंने हर पल ही पाया दया का हाथ तेरा। झुंझुनू वाली देना हमेशा साथ मेरा।मैंने हर पल ही पाया दया का हाथ तेरा।
चली थी मैं अकेली कोई न था हमराही। तभी सुने रश्ते पर साथ तेरा में पाई। दादी जी ध्यान रखती तुम ही दिन रात मेरा।
मैंने हर पल ही पाया दया का हाथ तेरा। झुंझुनू वाली देना हमेशा साथ मेरा।मैंने हर पल ही पाया दया का हाथ तेरा।
तेरी सेवा में अब तो बीते हैं हर पल मेरा। टूटी फूटी वाणी से करूं गुणगान तेरा। दादी जी तुम से शुरू हो खत्म तुमसे हो मेरा।
मैंने हर पल ही पाया दया का हाथ तेरा। झुंझुनू वाली देना हमेशा साथ मेरा।मैंने हर पल ही पाया दया का हाथ तेरा।
अरज इतनी भवानी हाथ यों थामें रखना। नजर के सामने तुम हमेशा मेरे रहना। मेरी रोशन हो रातें, चमकता हो सवेरा।
मैंने हर पल ही पाया दया का हाथ तेरा। झुंझुनू वाली देना हमेशा साथ मेरा।मैंने हर पल ही पाया दया का हाथ तेरा।