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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Pihar na jao gora tera mera niradar hai,पीहर न जाओ गौरा तेरा मेरा निरादर है,shiv bhajan

पीहर न जाओ गौरा तेरा मेरा निरादर है।

पीहर न जाओ गौरा तेरा मेरा निरादर है। ऐसे न जाओ गौरा पीहर मे निरादर है।

गौरा तेरे बाबुल ने एक यज्ञ रचाया है। सबको निमंत्रण दिया पर हमें न बुलाया है।पीहर न जाओ गौरा तेरा मेरा निरादर है। ऐसे न जाओ गौरा पीहर मे निरादर है।

गौरा तेरे बाबुल तो बड़े अभिमानी है। यज्ञ रचाया है हमें तुम्हे न बुलाया हैपीहर न जाओ गौरा तेरा मेरा निरादर है। ऐसे न जाओ गौरा पीहर मे निरादर है।

सुनते ही गौरा रानी पवन की चाल चली। यज्ञ में पहुंच गई कोई मुख से न बोला है।पीहर न जाओ गौरा तेरा मेरा निरादर है। ऐसे न जाओ गौरा पीहर मे निरादर है।


चकित हुईं गौरा कुछ न समझ पाई। यज्ञ में कूद गई अपना सब कुछ गवांया है।पीहर न जाओ गौरा तेरा मेरा निरादर है। ऐसे न जाओ गौरा पीहर मे निरादर है।

सुनते ही भोले बाबा यज्ञ में पहुंच गए। गौरा को लेकर के चारों दिशा में घुमाय है।पीहर न जाओ गौरा तेरा मेरा निरादर है। ऐसे न जाओ गौरा पीहर मे निरादर है।


जहां जहां अंग गिरे शक्ति पीठ कहलाई। शिव शक्ति लीला को कोई जान न पाया है।पीहर न जाओ गौरा तेरा मेरा निरादर है। ऐसे न जाओ गौरा पीहर मे निरादर है।

पीहर न जाओ गौरा तेरा मेरा निरादर है। ऐसे न जाओ गौरा पीहर मे निरादर है।

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