पीहर न जाओ गौरा तेरा मेरा निरादर है। ऐसे न जाओ गौरा पीहर मे निरादर है।
गौरा तेरे बाबुल ने एक यज्ञ रचाया है। सबको निमंत्रण दिया पर हमें न बुलाया है।पीहर न जाओ गौरा तेरा मेरा निरादर है। ऐसे न जाओ गौरा पीहर मे निरादर है।
गौरा तेरे बाबुल तो बड़े अभिमानी है। यज्ञ रचाया है हमें तुम्हे न बुलाया है।पीहर न जाओ गौरा तेरा मेरा निरादर है। ऐसे न जाओ गौरा पीहर मे निरादर है।
सुनते ही गौरा रानी पवन की चाल चली। यज्ञ में पहुंच गई कोई मुख से न बोला है।पीहर न जाओ गौरा तेरा मेरा निरादर है। ऐसे न जाओ गौरा पीहर मे निरादर है।
चकित हुईं गौरा कुछ न समझ पाई। यज्ञ में कूद गई अपना सब कुछ गवांया है।पीहर न जाओ गौरा तेरा मेरा निरादर है। ऐसे न जाओ गौरा पीहर मे निरादर है।
सुनते ही भोले बाबा यज्ञ में पहुंच गए। गौरा को लेकर के चारों दिशा में घुमाय है।पीहर न जाओ गौरा तेरा मेरा निरादर है। ऐसे न जाओ गौरा पीहर मे निरादर है।
जहां जहां अंग गिरे शक्ति पीठ कहलाई। शिव शक्ति लीला को कोई जान न पाया है।पीहर न जाओ गौरा तेरा मेरा निरादर है। ऐसे न जाओ गौरा पीहर मे निरादर है।
पीहर न जाओ गौरा तेरा मेरा निरादर है। ऐसे न जाओ गौरा पीहर मे निरादर है।