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Charo dham hai mat pita re charno me he bhaya re,चारों धाम है मात पिता रे चरणों में है भाया रे

चारों धाम है मात पिता रे चरणों में है भाया रे।

चारों धाम है मात पिता रे चरणों में है भाया रे।फिर क्यों मंदिर फिरो भटकता,मात पिता री करो सेवा रे।चारों धाम है मात पिता रे चरणों में है भाया रे।

बेटा तो म्हारा घणा समझना,कद ना मुंडे बोल्या रे। मरिया पांछे गांव जिमावे,महे कई जीमन आवा रे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺चारों धाम है मात पिता रे चरणों में है भाया रे।फिर क्यों मंदिर फिरो भटकता,मात पिता री करो सेवा रे।

बहुवां तो देखो म्हारी घणी समझनी,कद ना थाल परोस्यों रे। मरिया पीछे फोटू ने लाड दिखावे,महे कई लाड लडावां रे।🌺🌺🌺🌺चारों धाम है मात पिता रे चरणों में है भाया रे।फिर क्यों मंदिर फिरो भटकता,मात पिता री करो सेवा रे।

पोता तो म्हारा घणा समझना,कद ना पाणी पायो रे।मरिया पीछे प्याउ बनावे,महे कई पीवन आवां रे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺चारों धाम है मात पिता रे चरणों में है भाया रे।फिर क्यों मंदिर फिरो भटकता,मात पिता री करो सेवा रे।

बेटी तो देखो म्हारी घणी समझनी,कद ना मिलवा आवे रे।मरिया पीछे रोवन बैठी,महे कई देखण आवां रे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺चारों धाम है मात पिता रे चरणों में है भाया रे।फिर क्यों मंदिर फिरो भटकता,मात पिता री करो सेवा रे।

बीरा तो म्हारा घणा समझना,कद ना आड़े आया रे।मरिया पीछे चुनडी उड़ावे,महे कई ओढ़न आवां रे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺चारों धाम है मात पिता रे चरणों में है भाया रे।फिर क्यों मंदिर फिरो भटकता,मात पिता री करो सेवा रे।

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