तर्ज,अपने पिया की में तो बनी रे दुल्हनिया
दूल्हा शालिग्राम तुलसा बनी रे दुल्हनिया। तुलसा मनावे अब तो सारी दुनिया।तुलसा बनी रे दुल्हनिया।
श्याम मुरारी की प्यारी तुलसा,जल भरने को चली रे।बीच में मिलगई चतुर राधिका,बड़ी इठलाकर बोली रे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺तुलसा लगे है मेरी सौतनिया,तुलसा बनी रे दुल्हनिया।
दूल्हा शालिग्राम तुलसा बनी रे दुल्हनिया। तुलसा मनावे अब तो सारी दुनिया।तुलसा बनी रे दुल्हनिया।
इतने वचन सुने तुलसा ने,बदन गयो कुम्हलाई रे।हिलती डुलती घर को आई,पीछे आए कन्हाई रे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कैसे हो रही तुलसा अनमानिया,तुलसा बनी रे दुल्हनिया।
दूल्हा शालिग्राम तुलसा बनी रे दुल्हनिया। तुलसा मनावे अब तो सारी दुनिया।तुलसा बनी रे दुल्हनिया।
तुमरी राधा बड़ी चतुर है,अटपट हमसे बोली रे।सब सखियां भी ताना मारे,तुलसा सौतन हमरी रे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺समझा लो श्याम अपनी राधारनिया,तुलसा बनी रे दुल्हनिया।
दूल्हा शालिग्राम तुलसा बनी रे दुल्हनिया। तुलसा मनावे अब तो सारी दुनिया।तुलसा बनी रे दुल्हनिया।
छप्पन भोग छतीसों व्यंजन,जो कोई भोग लगावे रे।बिन तुलसा मुझे एक ना भावे,करे कोई चतुराई रे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मुकुट में जड़ी जैसे हो मणियां,तुलसा बनी रे दुल्हनिया।
दूल्हा शालिग्राम तुलसा बनी रे दुल्हनिया। तुलसा मनावे अब तो सारी दुनिया।तुलसा बनी रे दुल्हनिया।
तुलसा मेरे प्राणों से प्यारी, उसका भेद नहीं कोई पायो रे। सुर नर मुनि जन सकल सृष्टि भी, विमल विमल यश गायो रे। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺 वेदों ने लिखी इसकी गाथनिया,तुलसा बनी रे दुल्हनिया।
दूल्हा शालिग्राम तुलसा बनी रे दुल्हनिया। तुलसा मनावे अब तो सारी दुनिया।तुलसा बनी रे दुल्हनिया।