कैसा आया रे जमाना लोगों,कलयुग का।कलयुग का जमाना कलयुग का।🌺🌺🌺🌺🌺कैसा आया रे जमाना लोगों,कलयुग का।
सगे भाई को भाई ना समझे, साढू बनाले भैया।मात पिता रोटी को तरसे, सास बना ले मैया।कैसा आया रे जमाना लोगों,कलयुग का।
बहन भांजी घर में आवे,देवे ना एक रुपैया।🌺जब भी साली घर में आवे,चढ़ती रोज कढ़यिया।कैसा आया रे जमाना लोगों,कलयुग का।
कथा भागवत सुनने ना जावे,सोए लगाकर तकिया।शादी में जब डीजे बाजे,नाचे ता ता थैया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कैसा आया रे जमाना लोगों,कलयुग का।
मां बाप को मुंह पर कहते,टाइम नही है मैया।जब घरवाली शॉपिंग को जावे,भर भर खर्चे रुपैया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कैसा आया रे जमाना लोगों,कलयुग का।