ये सारे खेल तुम्हारे है,जग कहता खेल नसीबों का,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू,
मैंने सुना तू यार गरीबों का।।
तेरी दीन सुदामा से यारी,🌺🌺🌺🌺🌺🌺
हमको ये सबक सिखाती है,
धनवानों की ये दुनिया है,
पर तू निर्धन का साथी है,
दौलत के दीवाने क्या जाने,
तू आशिक सदा गरीबों का,
मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू,
मैंने सुना तू यार गरीबों का।।ये सारे खेल तुम्हारे है,जग कहता खेल नसीबों का,
नरसी ने दौलत ठुकराकर,🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तेरे सा बेटा पाया था,
तुने कदम कदम पर कान्हा,
बेटे का धर्म निभाया था,
कोई माने या प्रभु ना माने,
पर तू करतार गरीबों का,
मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू,
मैंने सुना तू यार गरीबों का।।ये सारे खेल तुम्हारे है,जग कहता खेल नसीबों का,
प्रभु छमा करो अब हम सब को,🌺🌺🌺🌺
तेरे राज की बात बताता है,
तु सिक्के चांदी के देकर,
हमे खुद से दूर भगाता है,
तेरी इसी अदा से जान गया,
तुझको ऐतबार गरीबों का,
मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू,
मैंने सुना तू यार गरीबों का।।ये सारे खेल तुम्हारे है,जग कहता खेल नसीबों का,
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Ye sare khel tumhare hai,jag kahta khel nashibo,ये सारे खेल तुम्हारे है,जग कहता खेल नसीबों का,shyam bhajan
ये सारे खेल तुम्हारे है,जग कहता खेल नसीबों का,