तर्ज,फुलोरी बिना चटनी कैसे बनी
दुल्हन बनी दुल्हन बनी। दुल्हन बनी रे देखो दुल्हन बनी। कि आज मेरी तुलसा दुल्हन बनी।
माथे पे बिंदिया कानों में लाली। हाथों में गजरे, होठों पे लाली। मेहंदी लगी मेहंदी लगी।🌺🌺 मेहंदी लगी हो रामा मेहंदी लगी।कि आज मेरी तुलसा दुल्हन बनी।
दुल्हन बनी दुल्हन बनी। दुल्हन बनी रे देखो दुल्हन बनी। कि आज मेरी तुलसा दुल्हन बनी।
गले में हार जिसमे,मोती है लटके।हाथों में चूड़ी खनखन खनके।ऐसी सजी हो ऐसी सजी।🌺🌺 ऐसी सजी हो रामा ऐसी सजी।कि आज मेरी तुलसा दुल्हन बनी।
दुल्हन बनी दुल्हन बनी। दुल्हन बनी रे देखो दुल्हन बनी। कि आज मेरी तुलसा दुल्हन बनी।
अंगों में लहंगा सिर पर चुनरिया। शालिग्राम जी की यह तो बनी रे दुल्हनिया। 🌺🌺🌺🌺🌺प्यारी लगी प्यारी लगी, प्यारी लगी हो रामा प्यारी लगी।कि आज मेरी तुलसा दुल्हन बनी।
दुल्हन बनी दुल्हन बनी। दुल्हन बनी रे देखो दुल्हन बनी। कि आज मेरी तुलसा दुल्हन बनी।
हाथों में जयमाला झूकी है नजरिया। धीरे-धीरे बढ़ने लगी है बावरिया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺संग चली संग चली। संग चली हो रामा संग चली। कि शालिग्राम के संग तुलसा चली। कि आज मेरी तुलसा दुल्हन बनी।
दुल्हन बनी दुल्हन बनी। दुल्हन बनी रे देखो दुल्हन बनी। कि आज मेरी तुलसा दुल्हन बनी।