पतित जनों को करो पुनीता, हे राम सीता, हे राम सीता।
शबरी के जूठे बेर भी खाए।पाप हरे बिन देर लगाए।भक्तों से हारे दुष्टों से जीता।🌺🌺🌺हे राम सीता, हे राम सीता।पतित जनों को करो पुनीता, हे राम सीता, हे राम सीता।
जन्म सफल किया तुमने उसका।ऋषि नारी अहिल्या जिसका।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺पत्थर बनकर जीवन बिता,हे राम सीता, हे राम सीता।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺पतित जनों को करो पुनीता, हे राम सीता, हे राम सीता।
धर्म के हित को धरती पे आए,तुम ही राधा श्याम कहाये।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺बंसी बजायी गाई गीता,हे राम सीता, हे राम सीता।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺पतित जनों को करो पुनीता, हे राम सीता, हे राम सीता।