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गुरु भजन लिरिक्स guru bhajan lyrics

Maine aisa satguru paya hai abhiman karna chod diya,मैने ऐसा सतगुरु पाया है,अभिमान करना छोड़ दिया,guru bhajan

मैने ऐसा सतगुरु पाया है,अभिमान करना छोड़ दिया।

मैने ऐसा सतगुरु पाया है,अभिमान करना छोड़ दिया।

अभिमान था मुझको बंगले का,अभिमान था मुझको कोठी का।ये कोठी बंगला मेरे है।🌺🌺जब इन्हें छोड़कर जाना है, मैने महल बनाना छोड़ दिया।मैने ऐसा सतगुरु पाया है,अभिमान करना छोड़ दिया।

अभिमान था मुझको बेटों का, अभिमान का मुझको बेटी का।ये बेटा बेटी मेरे है।🌺🌺🌺 जब इन्हें छोड़ कर जाना है, मैंने लाड लड़ाना छोड़ दिया।मैने ऐसा सतगुरु पाया है,अभिमान करना छोड़ दिया।

अभिमान था मुझको रिश्तो का। अभिमान था मुझको नातों का।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 यह रिश्ते नाते मेरे हैं। यह दुख में हमारे हुए नहीं, मैंने सब से नाता तोड़ लिया।🌺🌺🌺🌺🌺मैने ऐसा सतगुरु पाया है,अभिमान करना छोड़ दिया।

अभिमान था मुझको काया का। अभिमान था मुझको माया का। यह सुंदर काया मेरी है।🌺जब इसको एक दिन जलना है। मैंने सजना 🌺सवरना छोड़ दिया।मैने ऐसा सतगुरु पाया है,अभिमान करना छोड़ दिया।

अभिमान का मुझको दौलत का। अभिमान था मुझको शोहरत का।ये धन और दौलत मेरे है।जब हाथ पसारे जाना है,मैने माया जोड़ना छोड़ दिया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मैने ऐसा सतगुरु पाया है,अभिमान करना छोड़ दिया।

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