हरी भक्तो ने रास रचाया, बूटी घोल घोल के।
बूटी घोल घोल के, हरी जय बोल बोल के।🌺🌺
बूटी पी गए हनुमान, जिनके हिरदय में है राम।
जिसने लंका जाए जलायी, खिड़की खोल खोल के।
हरी भक्तो ने रास रचाया, बूटी घोल घोल के।
बूटी घोल घोल के, हरी जय बोल बोल के।🌺🌺
बूटी पी गए द्रोपदी माई, जिनके गिरधर बने सहाई।
जिसने आकर लाज बचाई, साड़ी जोड़ जोड़ के।
हरी भक्तो ने रास रचाया, बूटी घोल घोल के।
बूटी घोल घोल के, हरी जय बोल बोल के।🌺🌺
बूटी पी गए सबरी माई, जिनके गिरधर बने सहाई।
जिसने झूठे बेर खाये हाथ जोड़ जोड़ के।
हरी भक्तो ने रास रचाया, बूटी घोल घोल के।
बूटी घोल घोल के, हरी जय बोल बोल के।🌺🌺
बूटी पी गए तुलसीदास, जिनके राम मिलन की आस।जिनने रामायण लिख डाली, दोहे जोड़ जोड़ के।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
हरी भक्तो ने रास रचाया, बूटी घोल घोल के।
बूटी घोल घोल के, हरी जय बोल बोल के।🌺🌺
बूटी पी गए मीरा बाई, जिनके गिरधर बने सहाई।
वो गिरधा आगे नाचि घूंघट खोल खोल के।🌺🌺
हरी भक्तो ने रास रचाया, बूटी घोल घोल के।
बूटी घोल घोल के, हरी जय बोल बोल के।